Jagannath Puri Rath Yatra 2022: आइए जानते हैं कि साल 2022 में जगन्नाथ रथ यात्रा कब है व जगन्नाथ रथ यात्रा 2022 की तारीख व मुहूर्त क्या है।
Jagannath Puri Rath Yatra 2022: हिंदू धर्म में जगन्नाथ पूरी रथ (Chariot Festival)
यात्रा का खास महत्त्व है। भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर से हर वर्ष इस यात्रा का विशाल आयोजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू की जाती है और यह रथयात्रा 10 दिनों तक चलती है।
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जगन्नाथ रथ यात्रा 2022
जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। कहते हैं कि इस यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा को केवल भारत में ही नहीं, दुनियाभर में एक प्रसिद्ध त्यौहार के रूप में जाना जाता है। विश्वभर के लाखों श्रद्धालु इस रथ यात्रा के साक्षी बनते हैं। रथ यात्रा से एक दिन पहले श्रद्धालुओं के द्वारा गुंडीचा मंदिर को धुला जाता है। इस परंपरा को गुंडीचा मार्जन कहा जाता है।
जगन्नाथ से यहाँ आशय ‘जगत के नाथ’ यानी भगवान विष्णु से है। उड़ीसा राज्य के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है। हिन्दू मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एकबार जगन्नाथ मंदिर के दर्शन के लिए अवश्य जाना चाहिए। भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस रथ यात्रा में सबसे आगे बलभद्र का रथ उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ और सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है। बलभद्र के रथ को ताल ध्वज कहा जाता है जबकि देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पद्म रथ कहते हैं। सबसे अंत में चलने वाले भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदी घोष कहते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा 2022 की तारीख व मुहूर्त (Jagannath Puri Rath Yatra 2022 Date)
इस साल 2022 में पंचांग के मुताबिक जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा 01 जुलाई से शुरू होगी तथा 10 जुलाई को खत्म होगी। संयोग वश 08 जुलाई को देवशयनी एकादशी भी है। इस यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं।
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा शुरू होने का समय
- जून 30, 2022 को 10:50:20 से द्वितीया आरम्भ
- जुलाई 1, 2022 को 13:10:27 पर द्वितीया समाप्त
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का महत्त्व (Importance of Jagannath Puri Rath Yatra)
यह हिंदुओं के चार धामों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना करीब 800 साल पहले हुई थी। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा मूर्तियाँ हैं। इनके दर्शन से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस रथ यात्रा के दर्शनमात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। देश-विदेश के शैलानियों के लिए भी यह यात्रा आकृषण का केन्द्र मानी जाती है। इस यात्रा को पुरी कार फ़ेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है। ये सब बातें इस यात्रा के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं।
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