मैथिली भगवती गीत दिलीप दरभंगिया: Rahab Rusal Katek Din Bhawani Lyrics- Dilip Darbhangiya Bhagwati Geet Lyrics: रहब रुसल कतेक दिन भबानी जगत कल्याणी
मुखरा
रहब रुसल कतेक दिन भबानी जगत कल्याणी
जीबन कोना कटतै माँ कने तकियो न -2
आन्तरा
हम जीबन अकारक बितेलौ धियान कखनो आहा पर नै देलौं -2
बीतल मांगने में -2
हमर जिंदगानी इ दुखः के कहानी
आन के सुनतै माँ कने तकियो न
रहब रुसल कतेक दिन भबानी जगत कल्याणी
जीबन कोना कटतै माँ कने तकियो न -2
आन्तरा 2
हम दोसी अधर्मी अज्ञानी एक आसा अहि पर भबानी -2
कहु ककरा ल -2
जाक हम कनि सुनु माँ इंद्राणी इ नोर के पोछ तै माँ कने तकियो न
रहब रुसल कतेक दिन भबानी जगत कल्याणी
जीबन कोना कटतै माँ कने तकियो न -2
आन्तरा 3
हम पुत्र अहि क छाी माता सबसे बैरह क छै जननी इ नाता -2
दिलीप दरभंगिया -2
भगत के नादानी करू माफ ये भबानी
दुलार के करतै माँ कने तकियो न
रहब रुसल कतेक दिन भबानी जगत कल्याणी
जीबन कोना कटतै माँ कने तकियो न -2
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