FIMT ने Sustainability and Global Challenges पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया

Sustainability and Global Challenges
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FIMT ने ‘Sustainability and Global Challenges’ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें वैश्विक स्थिरता, समावेशी औद्योगिकीकरण और नवाचार के माध्यम से SDG 9 के लक्ष्यों की प्राप्ति पर विचार-विमर्श हुआ।

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फेयरफील्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (FIMT) ने 10 और 11 मार्च 2025 को आरुडित फाउंडेशन के सहयोग से ‘सस्टेनेबिलिटी और वैश्विक चुनौतियाँ: समावेशी और सतत औद्योगिकीकरण और नवाचार के माध्यम से SDG लक्ष्य 9 को प्राप्त करने के लिए एक अंतःविषयक दृष्टिकोण’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की और इसमें कुल 54 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें तीन शोध पत्र वैश्विक शोधकर्ताओं से थे।

सम्मेलन का उद्घाटन सुबह 11 बजे श्री वी.के.एन. भारद्वाज, अध्यक्ष, के स्वागत भाषण से हुआ। इसके बाद FIMT के शैक्षणिक प्रभारी श्री मनीष झा ने सम्मेलन की थीम पर अपने विचार प्रस्तुत किए। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. दीक्षा कट्याल (USEM, GGSIPU) ने पर्यावरणीय शोध परियोजनाओं पर अपने विचार साझा किए। सम्मेलन में कई अन्य प्रतिष्ठित अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. अनुराधा चुघ (USICT, GGSIPU) ने उभरती तकनीकों जैसे IoT, स्मार्ट डस्टबिन, स्मार्ट मीटर, ब्लॉकचेन, 3D प्रिंटिंग और बिग डेटा की भूमिका पर चर्चा की। श्री आशीष जैन (IPCA) ने सतत अपशिष्ट प्रबंधन और SDG 9 की महत्ता पर बात की, जबकि श्री प्रदीप ददलानी (Sycom Projects Consultants Pvt. Ltd.) ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सतत पर्यटन के अपने अनुभव साझा किए। मुख्य अतिथि श्री श्रीकांता के. पाणिग्रही (IISD-CMI) ने कार्बन उत्सर्जन, प्लास्टिक प्रदूषण, और नेट-ज़ीरो लक्ष्यों पर अपने विचार दिए।

सम्मेलन के तकनीकी सत्रों की शुरुआत 10 मार्च को हुई। पहले दिन में दो ट्रैक आयोजित किए गए। ट्रैक 1, “सतत विकास की चुनौतियाँ” में 10 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जबकि ट्रैक 2, “वैश्विक स्थिरता में IT और AI की भूमिका” में 11 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। दूसरे दिन, 11 मार्च को भी दो ट्रैक आयोजित किए गए। ट्रैक 3, “SDG में रणनीतिक प्रबंधन और नवाचार” में 14 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, और ट्रैक 4, “SDG में मीडिया और साहित्य की भूमिका” में 15 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

सम्मेलन का समापन श्री वी.के.एन. भारद्वाज के स्वागत भाषण से हुआ, और प्रो. डॉ. एस.पी. सिंह ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. डॉ. एम. अफ़ज़ल वानी (FIMT के सलाहकार) ने बहु-विषयक शोध की महत्ता पर बात की, जबकि प्रो. डॉ. आर. राम किशोर (USICT, GGSIPU) ने तकनीकी प्रगति और स्थिरता के बीच संबंध पर अपने विचार साझा किए। अंत में श्री मनीष झा ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और आयोजकों का धन्यवाद किया।

इस सम्मेलन ने सतत विकास, नवाचार और औद्योगिकीकरण के क्षेत्रों में विचार-विमर्श का एक प्रभावी मंच प्रदान किया और SDG 9 से जुड़ी वैश्विक स्थिरता चुनौतियों के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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