Tuesday, April 16, 2024
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Yagyopavit Mantra: यज्ञोपवीत मंत्र – जनेउ मंत्र- वाजसनेयि यज्ञोपवीत मंत्र

Yagyopavit Mantra: यज्ञोपवीत शब्द (संस्कृत संधि विषाद = यज्ञ + उपवीत) के दू अर्थ होइत अछि – उपनयन संस्कार जाहि मे पवित्र सूत पहिरल जाइत अछि आ विद्यारम्भ प्रारम्भ होइत अछि | मुंडन आ पवित्र जल में स्नान सेहो एहि संस्कार के हिस्सा अछि | सूत सँ बनल पवित्र धागा जे बामा कान्ह पर आ दहिना बाँहिक नीचा यज्ञोपवीत (Yagyopavit Mantra) पहिरने व्यक्ति पहिरैत छथि |

Janeu Mantra: सनातन परंपरा के 16 संस्कार में ‘उपनयन’ संस्कार बहुत महत्वपूर्ण अछि | इ संस्कार आमतौर पर 10 साल सं कम उम्र कें बच्चाक कें लेल कैल जायत छै। एकर अन्तर्गत हुनका सूत सँ बनल तीन पवित्र सूत सँ यग्योपवीत पहिराओल जाइत छनि | जे व्यक्ति यज्ञोपवीत पहिरैत अछि वा जनेऊ कहैत अछि ओकरा बहुत रास नियमक पालन करय पड़ैत छैक |

जेना कि गलती स पवित्र सूत अशुद्ध भ गेल त तुरंत ओकरा निकालय पड़त आ एकटा आओर नव पवित्र सूत पहिरय पड़त। यज्ञ समारोह भ गेलाक बाद पवित्र सूत आजीवन पहिरय पड़ैत छैक । हर सनातन हिन्दू पहिर सकैत अछि। कोनों बच्चा कें लेल यज्ञोपवीत तखनहि करबाक चाही जखन ओ ओकर नियमक कें पालन करय मे सक्षम भ जायत। यग्योपवीत के धार्मिक एवं वैज्ञानिक सिद्धांतों को विस्तार से जानिए |

जनेऊ पहनने का आध्यात्मिक महत्व

तीन सूत्रक सूत पहिरनिहार व्यक्ति केँ जीवन भरि ब्रह्मचर्यक पालन करय पड़ैत छैक | जनेऊ (janu mantra) के तीन धागा देवरुण, पितृरुण आ ऋषिरुण के प्रतीक मानल जाइत अछि | एकरा सत्त्व, राजा आ ताम आ तीन आश्रम के प्रतीक सेहो मानल जाइत अछि | विवाहित व्यक्ति लेल वा गृहस्थ लेल छह सूतक सूत होइत छैक । एहि छह सूत्र मे सँ तीन सूत्र अपना लेल आ तीन सूत्र पत्नी लेल मानल जाइत अछि । हिन्दू धर्म मे कोनो धार्मिक वा शुभ कार्य आदि करबा सँ पहिने जनेऊ पहिरब आवश्यक अछि | कोनो हिन्दू व्यक्तिक विवाह समारोह जनेऊ के बिना नहि होइत अछि ।

जनेउ पहिरबाक नियम

यज्ञोपवीत सदिखन बामा कान्ह सँ दहिना कमर पर पहिरबाक चाही आ मल-मूत्रक समय दहिना कान पर लगाओल जाय आ हाथ साफ केलाक बाद मात्र कान सँ नीचाँ उतारबाक चाही । यज्ञोपवीत के एहि नियम के पाछु के उद्देश्य ई अछि जे मल-मूत्र विसर्जन के समय यज्ञोपवीत कमर स बेसी ऊँच भ जायत अछि आ अशुद्ध नै भ जायत अछि | घर मे ककरो जन्म वा मृत्युक समय सूत लगलाक बाद यज्ञोपवीत मे परिवर्तन करबाक परंपरा अछि | किछु लोक यग्योपवीत मे चाभी आदि बान्हि दैत छथि । यज्ञोपवीत के पवित्रता आ मर्यादा के कायम रखबाक लेल गलती स सेहो ई काज कहियो नहि करबाक चाही।

Janeu Mantra in Hindi

वाजसनेयी यज्ञोपवीत मंत्र एहि प्रकार सं अछि (जनेऊ पहनने का मंत्र-Janeu Dharan Mantra)

ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः ।।

छन्दोग यज्ञोपवीत मंत्र एतय देखल जाए
ॐ यज्ञोपवीतमसि यज्ञस्य त्वोपवीतेनोपनह्यामि।

जीर्ण यज्ञोपवीत त्याग करबाक मंत्र (जनेऊ उतारने का मंत्र-Yajnopavita Change Mantra)

एतावद्दिन पर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया।
जीर्णत्वात्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथा सुखम्।।

Janeu Mantra PDF

विपिन कुमार झा
विपिन कुमार झा
"विपिन कुमार झा, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 4 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने खेल, टेक और लाइफस्टाइल समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, खेल और लाइफस्टाइल से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं।
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