Yagyopavit Mantra: यज्ञोपवीत शब्द (संस्कृत संधि विषाद = यज्ञ + उपवीत) के दू अर्थ होइत अछि – उपनयन संस्कार जाहि मे पवित्र सूत पहिरल जाइत अछि आ विद्यारम्भ प्रारम्भ होइत अछि | मुंडन आ पवित्र जल में स्नान सेहो एहि संस्कार के हिस्सा अछि | सूत सँ बनल पवित्र धागा जे बामा कान्ह पर आ दहिना बाँहिक नीचा यज्ञोपवीत (Yagyopavit Mantra) पहिरने व्यक्ति पहिरैत छथि |
Janeu Mantra: सनातन परंपरा के 16 संस्कार में ‘उपनयन’ संस्कार बहुत महत्वपूर्ण अछि | इ संस्कार आमतौर पर 10 साल सं कम उम्र कें बच्चाक कें लेल कैल जायत छै। एकर अन्तर्गत हुनका सूत सँ बनल तीन पवित्र सूत सँ यग्योपवीत पहिराओल जाइत छनि | जे व्यक्ति यज्ञोपवीत पहिरैत अछि वा जनेऊ कहैत अछि ओकरा बहुत रास नियमक पालन करय पड़ैत छैक |
जेना कि गलती स पवित्र सूत अशुद्ध भ गेल त तुरंत ओकरा निकालय पड़त आ एकटा आओर नव पवित्र सूत पहिरय पड़त। यज्ञ समारोह भ गेलाक बाद पवित्र सूत आजीवन पहिरय पड़ैत छैक । हर सनातन हिन्दू पहिर सकैत अछि। कोनों बच्चा कें लेल यज्ञोपवीत तखनहि करबाक चाही जखन ओ ओकर नियमक कें पालन करय मे सक्षम भ जायत। यग्योपवीत के धार्मिक एवं वैज्ञानिक सिद्धांतों को विस्तार से जानिए |
जनेऊ पहनने का आध्यात्मिक महत्व
तीन सूत्रक सूत पहिरनिहार व्यक्ति केँ जीवन भरि ब्रह्मचर्यक पालन करय पड़ैत छैक | जनेऊ (janu mantra) के तीन धागा देवरुण, पितृरुण आ ऋषिरुण के प्रतीक मानल जाइत अछि | एकरा सत्त्व, राजा आ ताम आ तीन आश्रम के प्रतीक सेहो मानल जाइत अछि | विवाहित व्यक्ति लेल वा गृहस्थ लेल छह सूतक सूत होइत छैक । एहि छह सूत्र मे सँ तीन सूत्र अपना लेल आ तीन सूत्र पत्नी लेल मानल जाइत अछि । हिन्दू धर्म मे कोनो धार्मिक वा शुभ कार्य आदि करबा सँ पहिने जनेऊ पहिरब आवश्यक अछि | कोनो हिन्दू व्यक्तिक विवाह समारोह जनेऊ के बिना नहि होइत अछि ।
जनेउ पहिरबाक नियम
यज्ञोपवीत सदिखन बामा कान्ह सँ दहिना कमर पर पहिरबाक चाही आ मल-मूत्रक समय दहिना कान पर लगाओल जाय आ हाथ साफ केलाक बाद मात्र कान सँ नीचाँ उतारबाक चाही । यज्ञोपवीत के एहि नियम के पाछु के उद्देश्य ई अछि जे मल-मूत्र विसर्जन के समय यज्ञोपवीत कमर स बेसी ऊँच भ जायत अछि आ अशुद्ध नै भ जायत अछि | घर मे ककरो जन्म वा मृत्युक समय सूत लगलाक बाद यज्ञोपवीत मे परिवर्तन करबाक परंपरा अछि | किछु लोक यग्योपवीत मे चाभी आदि बान्हि दैत छथि । यज्ञोपवीत के पवित्रता आ मर्यादा के कायम रखबाक लेल गलती स सेहो ई काज कहियो नहि करबाक चाही।
Janeu Mantra in Hindi
वाजसनेयी यज्ञोपवीत मंत्र एहि प्रकार सं अछि (जनेऊ पहनने का मंत्र-Janeu Dharan Mantra)
ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः ।।
छन्दोग यज्ञोपवीत मंत्र एतय देखल जाए
ॐ यज्ञोपवीतमसि यज्ञस्य त्वोपवीतेनोपनह्यामि।
जीर्ण यज्ञोपवीत त्याग करबाक मंत्र (जनेऊ उतारने का मंत्र-Yajnopavita Change Mantra)
एतावद्दिन पर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया।
जीर्णत्वात्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथा सुखम्।।