Thursday, August 28
Shadow

Tag: Mithila Festival

मिथिला संस्कृति की पहचान मधुश्रावणी पूजा, आइए जानते हैं कैसे मनाया जाता है मधुश्रावणी का पर्व

मिथिला संस्कृति की पहचान मधुश्रावणी पूजा, आइए जानते हैं कैसे मनाया जाता है मधुश्रावणी का पर्व

जानकारी
Madhushravani Vrat: मधुश्रावणी जीवन में सिर्फ एक बार शादी के पहले सावन को किया जाता है। नव विवाहिताएं बिना नमक के 14 दिन भोजन ग्रहण करेंगी। यह पूजा लगातार 14 दिनों तक चलते हुए श्रावण मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को विशेष पूजा-अर्चना के साथ व्रत की समाप्ति होती है।इन दिनों नवविवाहिता व्रत रखकर गणेश, चनाई, मिट्टी एवं गोबर से बने विषहारा एवं गौरी-शंकर का विशेष पूजा कर महिला पुरोहिताईन से कथा सुनती है। कथा का प्रारम्भ विषहरा के जन्म एवं राजा श्रीकर से होता है।इस व्रत के द्वारा स्त्रियाँ अखण्ड सौभाग्यवती के साथ पति की दीर्घायु होने की कामना करती है। व्रत के प्रारम्भ दिनों में ही नवविवाहिता के ससुराल से पूरे 14 दिनों के व्रत के सामग्री तथा सूर्यास्त से पूर्व प्रतिदिन होने वाली भोजन सामग्री भी वहीं से आती है।शुरु व अन्तिम दिनों में व्रतियों द्वारा समाज व परिवार के लोगों में अंकुर...