Sri Sri Ravi Shankar: रवि शंकर जी को लोग श्री श्री रवि शंकर के रूप में जानते है, (जन्म: 13 May 1956) विश्व स्तर पर एक आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु हैं। उनके भक्त उन्हें आदर से प्राय: “श्री श्री” के नाम से पुकारते हैं। वे आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक हैं। रविशंकर का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य में 13 मई 1956 को हुआ। उनके पिता का नाम R.S. वेंकेट रमन था। उनकी माता श्रीमती विशालाक्षी एक सुशील महिला थीं। उनका जन्म रविवार के दिन होने के कारण पिता ने इनका नाम रवि रखा।
Sri Sri Ravi Shankar Quotes In Hindi: Sri Sri Ravi Shankar Ji Famous As Spiritual leader, and founder of the Art of Living Foundation, Sri Sri Ravi Shankar is a humanitarian leader, a spiritual teacher, and an ambassador of peace.
Image of Sri Sri Ravi Shankar quotes on peace, Sri Sri Ravi Shankar quotes on peace, Image of Sri Sri Ravi Shankar Quotes on happiness, Sri Sri Ravi Shankar Quotes on happiness, Image of Sri Sri Ravi Shankar Quotes Hindi, Sri Sri Ravi Shankar Quotes Hindi, Image of Sri Sri Ravi Shankar quotes on relationship, Sri Sri Ravi Shankar quotes on relationship, Image of Sri Sri Ravi Shankar quotes on love, Sri Sri Ravi Shankar quotes on love, Image of Sri Sri Ravi Shankar quotes on Success, Sri Sri Ravi Shankar quotes on Success, Image of Sri Sri Ravi Shankar Good Morning Quotes, Sri Sri Ravi Shankar Good Morning Quotes, Image of Art of Living quotes, Art of Living quotes
Most Inspirational Sri Sri Ravi Shankar Quotes In Hindi
जब हमारे पास बहुत ज्यादा काम हो तो हमे घबराना नही चाहिए और और इन कामो को हसते हुए करते रहना चाहिए, क्यू की अगर टेंशन लेकर कोई काम करेगे तो बना हुआ भी काम बिगड़ सकता है। और जब हमे रेस्ट मिले तो भी खुश रहना चाहिए। ना की बस सोच सोच कर खुद को टेंशन में डाल ले।
श्री श्री रवि शंकर
अगर हमारे पास बड़े बड़े गाडी और सुख सुविधा वाले साधन न हो तो हमे पैदल चलने में भी खुश रहना चाहिए, दुखी रहने से ये चीजे हमे मिल तो नही जाएगी ऐसा सोच कर हमेसा आगे बढते रहना चाहिए।
श्री श्री रवि शंकर
आत्माशोक एक मृत्यु सेमुक्त है किन्तु सबसापेक्ष घटनाये इसी की गोदमें घटती है।
श्री श्री रवि शंकर
तुम बिलकुल पके हुए फल जैसे हो। हम सब में दैवीय गुण है लेकिन हम ना तो उनका विश्लेष्ण करते है और ना ही उनको संस्कारित करते है।
श्री श्री रवि शंकर
Sri Sri Ravi Shankar Quotes on Peace
यदि कोई आपको सबसे ज्यादा खुशी दे सकता है तो वह आपको दुःख भी दे सकता है।
श्री श्री रवि शंकर
जीवन प्रकृति के बनाये नियमो पर चलता है।
श्री श्री रवि शंकर
कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये।
श्री श्री रवि शंकर
एक निर्धन व्यक्ति नया साल वर्ष में एक बार मनाता है। एक धनी व्यक्ति हर दिन। लेकिन जो सबसे समृद्ध होता है वह हर क्षण मनाता है।
श्री श्री रवि शंकर
अपने कार्य के पीछे की मंशा को देखो। अक्सर तुम उस चीज के लिए नहीं जाते जो तुम्हे सच में चाहिए।
श्री श्री रवि शंकर
Sri Sri Ravi Shankar Quotes on Love
प्रेम कोई भावना नहीं है यह आपका खुद का अस्तित्व है।
श्री श्री रवि शंकर
आप खुद आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है इसीलिए इसे प्रेजेंट कहते हैं।
श्री श्री रवि शंकर
मानव विकास के दो चरण हैं कुछ होने से कुछ ना होना और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।
श्री श्री रवि शंकर
सरों की सुनो फिर भी मत सुनो अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा ना सिर्फ वो दुखी होंगे बल्कि तुम भी दुखी हो जाओगे।
श्री श्री रवि शंकर
जीवन ऐसा कुछ नहीं है जिसके प्रति बहुत गंभीर रहा जाए। जीवन तुम्हारे हाथों में खेलने के लिए एक गेंद है गेंद को पकड़े मत रहो।
श्री श्री रवि शंकर
हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
श्री श्री रवि शंकर
यदि तुम लोगों का भला करते हो तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो।
श्री श्री रवि शंकर
बुद्धिमान वो है जो औरों की गलती से सीखता है। थोडा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मूर्ख एक ही गलती बार बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते अपने अंदर सीखने की चाहत रखे।
श्री श्री रवि शंकर
भगवान के यहाँ से तुम्हे सर्वोच्च आशीर्वाद दिया गया है। इस ग्रह का सबसे अनमोल ज्ञान दिया गया है। तुम दिव्य हो तुम परमात्मा का हिस्सा हो विश्वास के साथ बढ़ो यह अहंकार नहीं है यह पुन: प्रेम है।
श्री श्री रवि शंकर
चाहत या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते क्या आपने देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है संतोष का धन अर्थ है कोई इच्छा ना होना।
श्री श्री रवि शंकर
हर एक चीज के पीछे तुम्हारा अहंकार है मैं, मैं, मैं, मैं लेकिन सेवा में कोई मैं नहीं है क्योंकि यह किसी और के लिए करनी होती है।
श्री श्री रवि शंकर
अपने हुनर को पहचानें और सम्मान दें।
श्री श्री रवि शंकर
आध्यात्मिक ज्ञान युक्त क्षमता, नवीन क्षमता और संचार को बेहतर बनाता है।
श्री श्री रवि शंकर
नए विचारों के लिए दिमाग को खोले, न की सफलता के बारे में चिंतित हो, 100 प्रतिशत प्रयास करना और ध्यान लगाना उद्यमियों के लिए सूत्र है।
श्री श्री रवि शंकर
ज्ञान एक बोझ है अगर यह आपको लूटता है।
श्री श्री रवि शंकर
ज्ञान एक बोझ है, अगर यह आपको अहसास दिलाता है कि आप विशेष हैं।
श्री श्री रवि शंकर
प्यार में गिरो नही, प्यार में उठो।
श्री श्री रवि शंकर
जो कुछ बीत गया उस पर गुस्सा करके कोई फायदा नहीं है। अगर कुछ कर सकते हो तो पहले वाली गलती दोबारा मत होने दो।
श्री श्री रवि शंकर
खुशी कल में नहीं है, यह हमेशा अब है।
श्री श्री रवि शंकर
असफलता भविष्य में सफलता प्राप्त करने की अच्छी विधि है।
श्री श्री रवि शंकर
ध्यान ही ऐसा स्थिर मस्तिष्क प्राप्त करने का विकल्प है जो लालसा और द्वेष से ऊपर हो। केवल ध्यान ही आत्मा की भूख को शांत कर सकता है।
श्री श्री रवि शंकर
प्रेम अर्थात सभी कुछ देना और कुछ भी नहीं लेना।
श्री श्री रवि शंकर
यदि आप अपने मन को जीत लेते हैं, तो आप सारा संसार जीत सकते हैं।
श्री श्री रवि शंकर
प्रेरणादायक अनमोल श्लोक
“जिसे तुम चाहते हो उससे प्रेम करना नगण्य है। किसी से इसलिए प्रेम करना क्योंकि वह तुमसे प्रेम करता है यह महत्वहीन है। किसी ऐसे से प्रेम करना जिसे तुम नहीं चाहते, मतलब तुमने जीवन से कुछ सीखा है। किसी ऐसे से प्रेम करना जो तुमसे घृणा करे यह दर्शाता है की तुमने जीवन जीने की कला सीख ली।”
श्री श्री रवि शंकर
“मैं आपको बताता हूँ, आपके अन्दर एक परम आनंद का फव्वारा है, प्रसन्नता का झरना है। आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश और प्रेम है, वहां कोई अपराध बोध नहीं है, वहां कोई डर नहीं है। मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा।”
श्री श्री रवि शंकर
“भरोसा रखना कि वहाँ आपकी कमजोरी को दूर करने के लिए कोई बैठा है। ठीक है, आप एक बार सोते हो, दो बार, तीन बार। ये कोई मायने नही रखता, मायने तो सिर्फ आपका आगे बढ़ना रखता है। इसीलिए कमजोरियों की चिंता किये बिना ही सतत आगे बढ़ते रहे।”
श्री श्री रवि शंकर
“जब आप अपना दुःख बांटते हैं तो वह कम नहीं होता। जब आप अपनी ख़ुशी बांटने से रह जाते हैं, वो कम हो जाती है। अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से साझा करें और किसी से नहीं क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा।”
श्री श्री रवि शंकर
“तुम्हे सर्वोच्च आशीर्वाद दिया गया है , इस ग्रह का सबसे अनमोल ज्ञान दिया गया है । तुम दिव्य हो ; तुम परमात्मा का हिस्सा हो । विश्वास के साथ बढ़ो । यह अहंकार नहीं है । यह पुनः : प्रेम है।”
श्री श्री रवि शंकर
“स्वयं अध्यन कर के , देख कर , खोखले और खली होकर , तुम एक माध्यम बन जाते हो – तुम परमात्मा का अंश बन जाते हो । तुम देवत्त्व की उपस्थिति को महसूस कर सकते हो । सभी स्वर्गदूत और देवता , हमारी चेतना के ये विभिन्न रूप खिलने लगते हैं।”
श्री श्री रवि शंकर