Mahamrityunjaya Mantra Hindi: शिव महामृत्युंजय मंत्र, जानें जाप विधि, अर्थ एवं इससे होने वाले लाभ

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ॐ नमः शिवाय ! ॐ नमः शिवाय ! ॐ त्र्यम्बकं यजामहे ! सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ! उर्वारुकमिव बन्धनान् ! मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ! ॐ नमः शिवाय !

Mahamrityunjaya Mantra: महामृत्युञ्जय मन्त्र या महामृत्युंजय मन्त्र (“मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र”) जिसे त्रयम्बकम मन्त्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इसके महत्व के बारे में कहा जाता है कि ये मृत्यु को जीतने वाला मंत्र है। पुराणों में इस मंत्र की इतनी महिमा बताई गई है कि अगर कोई सावन माह में इस मंत्र का जाप कर ले तो उसके कई सारे अधूरे कार्य भी पूरे हो जाते हैं। इस मन्त्र की रचना मार्कंडेय ऋषि ने की।

Mahamrityunjaya Mantra Hindi Lyrics

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

मार्कंडेय ऋषि

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

हे इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव हम आपकी पूजा करते हैं। इस पूरे विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि हमें मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

महा मृत्युंजय मन्त्र का अक्षरशः अर्थ

  • त्र्यंबकम् = त्रि-नेत्रों वाला (कर्मकारक), तीनों कालों में हमारी रक्षा करने वाले भगवान को
  • यजामहे = हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं, हमारे श्रद्देय
  • सुगंधिम = मीठी महक वाला, सुगन्धित (कर्मकारक)
  • पुष्टिः = एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्* पुष्टिः = एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्णता
  • वर्धनम् = वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है, (स्वास्थ्य, धन, सुख में) वृद्धिकारक; जो हर्षित करता है, आनन्दित करता है और स्वास्थ्य प्रदान करता है, एक अच्छा माली
  • उर्वारुकम् = ककड़ी (कर्मका* उर्वारुकम् = ककड़ी (कर्मकारक)
  • इव = जैसे, इस तरह
  • बन्धनात् = तना (लौकी का); (“तने से” पंचम विभक्ति – वास्तव में समाप्ति -द से अधिक लंबी है जो सन्धि के माध्यम से न/अनुस्वार में परिवर्तित होती है)
  • मृत्योः = * मृत्योः = मृत्यु से
  • मुक्षीय = हमें स्वतन्त्र करें, मुक्ति दें
  • मा = नहीं वंचित होएँ
  • अमृतात् = अमरता, मोक्ष के आनन्द से

महामृत्युंजय मंत्र की विशेषता

  • महामृत्युंजय मंत्र के जाप से परिवार मे सुख सम्रद्बि रहती है।
  • महामृत्युंजय मंत्र के जाप से धन की प्राप्ति होती है।
  • महामृत्युंजय मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का साया दूर होता है और साथ ही रोग भी दूर होते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे करें

महामृत्युंजय मंत्र का जाप सावन माह में बेहद कल्याणकारी और फलदाई माना जाता है। इसका जाप आप सावन के पहले दिन से शुरू करें या सोमवार से भी प्रारंभ कर सकते हैं। सुबह और सायं काल में प्रायः अपेक्षित एकान्त स्थान में बैठकर आँखों को बन्द करके इस मन्त्र का जाप (अपेक्षित दस-ग्यारह बार) करने से मन को शान्ति मिलती है और मृत्यु का भय दूर हो जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र इन हिंदी PDF

डिस्क्लेमर

”इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ”

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