गुरु बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं,
ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन है।
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय. बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय..
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
गुरु की महिमा न्यारी है, अज्ञानता को दूर करके. ज्ञान की ज्योत जलाई है, गुरु की महिमा न्यारी है…
गुरु को पारस जानिए, करे लौह को स्वर्ण शिष्य और गुरु, जगत में दो ही हैं वर्ण
माटी से मूरत गढ़े,सद्गुरु फूंके प्राण। कर अपूर्ण को पूर्ण गुरु,भव से देता त्राण।। शुभ गुरु पूर्णिमा!
गुरु आपके उपकार का
कैसे चुकाऊं मैं मोल लाख कीमती धन भला गुरु हैं मेरे अनमोल
गुरु जी आपकी कृपा से हुआ हमारा उद्धार हम बने जो आज है ये है आपका उपकार जीवन में सदा बनाए रखना अपना प्यार
जीवन का पथ जहां से शुरू होता है वो राह दिखाने वाला ही गुरु होता है
‘गुरु चरनन त्रिलोक है, गुरु अमृत की खान…’ गुरु पूर्णिमा 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं