Thursday, August 28
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मैथिली भगवती गीत: जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर हे माय आहाँ बिनु आश ककर…

मैथिली भगवती गीत: जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर हे माय आहाँ बिनु आश ककर…

भक्ति पर्व
Jagdamab Ahi Avlamb Humar: जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर हे माय आहाँ बिनु आश ककर, जँ माय आहाँ दुख नहिं सुनबई, त जाय कहु ककरा कहबै! इसे मैथिलि गीत को प्रदीप जी द्वारा लिखा गया है।जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमर (Jagdamb Ahin Awlamb Hamar Lyrics)जगदम्ब अहीं अबिलम्ब हमरहे माय आहाँ बिनु आश ककरजँ माय आहाँ दुख नहिं सुनबईत जाय कहु ककरा कहबैकरु माफ जननी अपराध हमरहे माय आहाँ बिनु आश ककरहम भरि जग सँ ठुकरायल छीमाँ अहींक शरण में आयल छीदेखु हम परलऊँ बीच भमरहे माय आहाँ बिनु आश ककरकाली लक्षमी कल्याणी छीतारा अम्बे ब्रह्माणी छीअछि पुत्र-कपुत्र बनल दुभरहे माय आहाँ बिनु आश ककरजगदम्ब…..जगदम्ब अहीं अअवलम्ब हमर PDFजगदम्ब-अहीं-अअवलम्ब-हमर-pdfDownloadजगदम्ब अहि अब्लम्ब हमर Videohttps://www.youtube.com/watch?v=KyuYyP7oYfY...