मधुश्रावणी कब है 2025: मिथिला संस्कृति के आस्था के पर्व मधुश्रावणी सावन मास के कृष्ण पक्ष सप्तमी 14 जुलाई सोमवार दिन (Madhushravani 2025 Start Date) स शुरू भ 27 July (Madhushravani End Date 2025) के समाप्त होयत। 14 दिन तक चलय वाला ई पूजा नवविवाहिता महिला द्वारा कयल जाइत अछि। नवविवाहिता महिला सब भोर मे ब्रह्ममुहूर्त मे पवित्र गंडक मे पवित्र स्नान आ अरवा भोजन केलाक बाद पूजा शुरू करैत छथि।
Madhushravani 2025 Start Date and End Date
Madhushravani 2025 Start Date | 14 July 2025, Monday |
Madhushravani 2025 End Date | 27 July 2025, Sunday |
पति के दीर्घायु के लिए की जाती है पूजा-अर्चना
महिला द्वारा कयल गेल मधुश्रावणी पूजा (Madhushravani Puja) पति के दीर्घायु आ सुख के लेल कयल जाइत अछि। कथा के पाठ पूजा के दौरान मैना पंचमी, मंगला गौरी, पृथ्वी जन्म, शिव विवाह, गंगा कथा, बिहुला कथा आ बाल बसंत कथा सहित 15 खंड में कयल गेल अछि।
पूजा के अंतिम दिन टेमी दागने की है परंपरा
मधुश्रावणी पूजा करय वाली महिला के बहुत कठिन परीक्षा स गुजरय पड़ैत छनि. टेमी जरेबाक परंपरा मे नवविवाहिता के हाथ-पैर गरम सुपारी, पान आ आरती सँ जराओल जाइत अछि। एकर पाछु एकटा मान्यता अछि जे एहि स पति-पत्नी क संबंध मजबूत होइत अछि।
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मधुश्रावणी व्रत (Madhushravani Vrat) के लिए क्या है मान्यता?
मान्यता अछि जे माता पार्वती पहिने मधुश्रावणी व्रत केने छलीह आ जन्म के बाद जन्म तक भगवान शिव के पति बनाबैत रहलीह। एहि पावनि मे माँ पार्वती आ भगवान शिव सँ जुड़ल मधुश्रावणीक कथा सेहो सुनल जाइत अछि। बासी फूल, सासुरक पूजा सामग्री, दूध, लावा आ अन्य सामग्रीक संग-संग नाग देवता आ विषहरक पूजा सेहो होइत अछि।
मधुश्रावणी कथा
एक दिन एकटा बूढी स्नानक हेतु पोखैर गेलि त देखलखिन जे धार में एकटा चिकनी पात पर पाँच टा किछु लहलाहैत अछि I ओ जीव सब बूढी के कहलखिन जे –हे बूढी ! गाम जा क लोक सब के सूचित क दिअऊ जे आई मौनी पंचमी थिकैक से लोक सब अपना घर आँगन के निक जेकाँ पवित्र कय,स्नान कय पाँच टा मईटक आकृति बना ओहि में सिंदूर-पिठार लगा दूभि साईट देथिन आ हुनका पर नेबो, नीमक पात ,कुश चढेथिन I नव बर्तन में खीर आ घुरजौर बनेती .ओकर बाद बिसहारा क पूजा कय हुनका दूध,लावा ,खीर आ घुरजौर चढ़ा अपनों सब नेबो नीम खीर-घुरजौर के सेवन करैथ I जे कियो एही प्रकारे पूजा करता तिनका कल्याण हेतनि I
बूढी गाम आबि सबके कहलखिन I सब गोटा बूढी के कहलानुसारे पूजा केलनि,मुदा किछु लोग एकरा मात्र खिस्सा बुझि अनठा देलैथ I जे सब पूजा केलैथ से सब त ठीक रहला मुदा जे नय केलैथ से सब राति में मरि गेल I गावँ में हाहाकार मचि गेल I सब लोग धार लग ओहि बूढी संगे फेर गेलैथ त देखलखिन जे पाँचो बिसहारा साँप ओहिना लहलहैत छेलेथ I सब हुनका आगु कल जोरि मुइला क जियेवाक उपाय पुछलखिन I तखन बिसहारा कहलखिन जे – पहिने त ओ सब हमरा अनुसारे पावनि नहीं केलैथ ते सब मरि गेला ,आब एके उपाय जँ गाम में ककरो कराही में खीर-धोरजौर लागल हैत तँ ओकरा मूईल सब के मुँह में चटा देवैक त ओ सब पुनः जीवित भय जेता मुदा आगु सं नियमित मौनी पंचमी के पूजा करता I
गाम क लोक बिसहारा क कहलानुसार केलेथ आ सब मुइल लोक सब पुनः जीवित भय गेला ,और सब गोटा बिसहरी माता क प्रणाम कई हुनका स क्षमा मंगलैथ I
Maithili Madhushravani Geet Lyrics: मधुश्रावणी पाबनिक गीत
बिसहारा क जन्म
एक दिन गौरी महादेव सरोवर में जल क्रीङा करैत छलाह I संयोगवश शिव के वीर्य स्खलन भय गेल I महादेव ओकरा पुरैनिक पात पर राखि देलखिन I ओहि सं बिसहारा पाँचो बहिन क जन्म भेल I महादेव के अपना संतान पाँचो बिसहारा सं मोह भय गेल ,ओ प्रतिदिन सरोवर में स्नान लेल जाथिन आ बङी -बङी काल धरि ओकरा सब संगे खेलैथ I गौरी क संदेह होमए लगलैन I ओ एक दिन महादेव के पाछु पाछु सरोवर तक गेलथ आ ओतय शिव के अनका संगे खेलाइत देख क्रोधित भय गेलैथ आ सब बिसहरी के फेकए लागलि I तखन महादेव हुनका बुझेलखिन जे ई सब हुनकर बेटी छिएनि आ कल्याणकारी छैथ I मृत्युभुवन में सावन मास जे एय पाँचो बहिन छी-जाया ,बिसहरी ,शामिलबारी आ दोतलि के पूजा करतैथ ओ धन-ध्यान सं पूर्ण होयतथि आ ओकरा सब तरहे कल्याण होयत I
कथा सुनला उपरांत नीचा लिखल बाचो बीनी सुनितीं बाचो बीनी
“पुरैनिक पत्ता ,झिलमिल लत्ता ताहि चढ़ी बैसली बिसहरी माता I
हाथ सुपारी खोईंछा पान ,बिसहरी माता करती शुभ कल्याण “II
देवता सब के प्रणाम करि बिनी क पोटरी कलश पर राखि सब जेष्ठ सब के प्रणाम करि ,पूजा बला साडी खोलि राईख देथिन,जकरा फेर सब दिन पूजा काल पहिरल जायत I साँझ में साँझ आ कोहवर क गीत गायल जायत I एहिना मधुश्रावनी सं एक दिन पूर्व तक पूजा कथा आ बीनी होईत रहत I
FAQs
2025 में मधुश्रावणी पूजा कब है?
2025 में मधुश्रावणी पूजा 27 जुलाई को है।
Madhushravani Puja 2025 Kab Hai Start Date
Madhushravani Puja 2025 me 14 July se 27 July tak hai
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