Dussehra: Dussehra (Vijaya Dashami, Dasara, or Dashain) दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिंदू त्योहार दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते है दशहरा 2022 की तारीख, समय, इतिहास और महत्व के बारे में।
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Dussehra 2022
हिंदू धर्म में दशहरा के पर्व को विशेष माना गया है। दशहरा प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है जो नवरात्रि के अंत का प्रतीक है। दशहरा, विजयदशमी का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरा यानि विजय दशमी का त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि को मनाया जाता है। दशहरा का पर्व बुराई को त्याग कर अच्छाई को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इसीलिए इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है।
यह त्यौहार भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। यह राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का भी जश्न मनाता है। कई जगहों पर इस दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई के विनाश का प्रतीक है, साथ ही आतिशबाजी भी करते हैं।
दशहरा कब है? (Dussehra Kab Hai 2022)
हिंदू पचांग के अनुसार इस साल (2022) दशहरा का त्योहार पूरे भारत वर्ष में बुधवार 05 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। इसी अवसर पर, बंगाली लोग बिजॉय दशमी मनाते हैं, जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है।
दशहरा पूजा शुभ मुहूर्त (Vijayadashami Shubh Muhurat)
दशमी तिथि शुरू 02:20 PM on October 4, 2022
दशमी तिथि समाप्त 12:00 PM on October 05, 2022
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Dussehra Katha, History in Hindi
इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। दशहरा को विजयदशमी ( Vijayadashami )भी कहा जाता है। विजय दशमी के पर्व लेकर कहा जाता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अहंकारी लंकापति रावण का वध किया था। पृथ्वी पर मनुष्य को रावण के अत्याचार और अंहकार से मुक्ति दिलाने के लिए ही भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया था। रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी में ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
भारत के कुछ हिस्सों में यह दिन उस दिन का प्रतीक है जिस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस तरह नवरात्र में मां दुर्गा के सभी नौ अवतारों की पूजा की जाती है। दक्षिण भारत में, दशहरा उत्सव उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब चामुंडेश्वरी ने राक्षस महिषासुर का वध किया था।
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। यह त्योहार किसी न किसी दिन उन गलत कामों का प्रतीक है जो सबके सामने आते हैं। दशहरा को नए व्यवसाय या नए निवेश शुरू करने का दिन माना जाता है। दक्षिण भारत में, इस दिन छोटे बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देना शुभ माना जाता है।
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